भोपाल । शहर से सटे जंगलों से लगातार वन्यप्राणी बाहर ‎निकलकर आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं। इससे वन्यप्राणी के साथ-साथ रहवा‎सियों को भी खतरा बढ गया है। बीते रोल सांभर के बाद एक सियार भी रहवासी इलाके तक पहुंचा है। सांभर को तो सुरक्षित पकड़ लिया गया, लेकिन सियार एक अज्ञात वाहन की टक्कर से जख्मी हुआ है। तीन दिन पूर्व गांधी नगर इलाके में सांभर सड़कों पर दौड़ता पाया गया था गनीमत रही कि वह दुर्घटना का शिकार नहीं हुआ। इसी तरह वन्यप्राणी जंगल से बाहर जन-आबादी की तरफ निकलते तो उनके साथ अनहोनी तय है। बीते 20 दिनों से भोपाल से सटे इलाकों में तेंदुए भी आबादी के आसपास देखे जा चुके हैं। हाल में स्वर्ण जयंती पार्क में एक तेंदुए को देखने के दावे किए जाने के बाद पार्क को शुक्रवार से दोबारा बंद कर दिया है। इसी तरह रसूलिया इलाके में एक बाघ भी हाल में दस्तक दे चुका है वह घोड़ी को शिकार बना चुका है। बाघ, तेंदूए जैसे बड़े वन्यप्राणियों के सामने आने से आम नागरिकों को भी खतरा हो सकता है। वन्यप्राणियों के आबादी तक पहुंचने की इन घटनाओं से आम लोगों की भी चिंता बढ़ गई है। वन विभाग भी चिंतित है और परेशान भी है। भोपाल सामान्य वन मंडल द्वारा वन्यप्राणियों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि वन्यप्राणी रहवासी इलाकों की तरफ आ रहे हैं। ये घटनाएं वन विभाग के संज्ञान में हैं। इसकी हकीकत पता कर रहे हैं। साथ में आम नागरिकों को भी जागरूक कर रहे हैं। उन्हें बता रहे हैं कि किस तरह वन्यप्राणियों को और खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। चूंकि जंगल की सभी सीमाए खुली हैं और उन्हें कवर्ड करना आसान नही है, ऐसी स्थिति में वन्यप्राणी जंगल से निकलकर आबादी तक पहुंच सकते हैं। इसलिए सतर्क रहें और वन सीमा से सटे इलाकों में कम गति से वाहन चलाएं। पैदल न चलें। रात्रि में दो पहिया वाहन से भी आना-जाना कर रहे हैं तो सतर्कता से चलें।तीन दिन पूर्व गांधी नगर इलाके से रेस्क्यू किए गए सांभर को वन विहार नेशनल पार्क में पहुंचाया था। उसे निगरानी के लिए बाड़े में रखा जा रहा था, जिसे खुले क्षेत्र में छोड़ दिया है। इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो से उसकी पहचान भी कर ली है। वीडियो में दिखाई देने वाले सांभर को ही गांधी नगर इलाके से पकड़ा है।शनिवार को संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) इलाके से पकड़े गए सियार की हालत गंभीर है। उसका एक पैर टूट चुका है। शरीर के अन्य हिस्सों में भी चोटें आईं है। वह डाइट नहीं ले पा रहा है। वन विहार नेशनल पार्क में विशेषज्ञों की टीम उसका इलाज कर रही है। डीएफओ के मुताबिक घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि खुद के साथ-साथ वन्यप्राणियों की सुरक्षा करने के लिए तैयार रहने की जरूत है।