मुंबई । खुदरा महंगाई के बाद अक्टूबर महीने के दौरान थोक महंगाई में भी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले महीने थोक महंगाई तो लगातार सातवें महीने शून्य से नीचे रही है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर महीने के दौरान थोक महंगाई की दर शून्य से 0.52 फीसदी नीचे रही है। इस तरह लगातार सातवें महीने थोक महंगाई की दर शून्य से कम रही है। इससे पहले सितंबर महीने में थोक महंगाई शून्य से 0.26 फीसदी नीचे रही थी। देश में थोक महंगाई की दर अप्रैल 2023 से लगातार शून्य से नीचे है। जब महंगाई दर शून्य से कम रहती है, तो उसे अपस्फीति कहा जाता है। महंगाई दर के शून्य से नीचे रहने का मतलब कीमतों में गिरावट आना है, जबकि शून्य से ऊपर रहने का मतलब कीमतों में बढ़ोतरी होना है। इससे एक दिन पहले खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी हुए थे। अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई कम होकर 4.87 फीसदी पर आ गई, जो पांच महीने में सबसे कम है। इससे पहले सितंबर में खुदरा महंगाई 5.02 फीसदी और अगस्त में 6.83 फीसदी रही थी। अक्टूबर में खुदरा महंगाई में और नरमी आने से रिजर्व बैंक को राहत मिलने वाली है, जिसने खुदरा महंगाई को 4 फीसदी के लोअर ब्रैकेट में लाने का लक्ष्य रखा है।