नई दिल्ली । देश में कोरोना के मामलों में फिर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इस बार ओमीक्रोन का नया सब वेरिएंट एक्सबीबी.1.16 लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर सहित देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना के नए मरीजों की संख्या बढ़ी है। संक्रमण दर में भी इजाफा हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों में एडमिट 70 फीसदी मरीज ओमीक्रोन के नए सब वेरिएंट एक्सबीबी.1.16  से पीड़ित पाए जा रहे हैं। यह नया वेरिएंट नेचुरल इम्यूनिटी और वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी को चकमा दे रहा है। इसके बाद हर किसी के मन में सवाल उठ रहा है कि ओमीक्रोन वाले इस कोरोना से क्या वैक्सीन का बूस्टर डोज मुकाबला कर सकेगा। 
हाल ही में कोरोना मरीजों पर एक रिसर्च का हवाला देकर दिल्ली के कई डॉक्टरों ने लोगों से बूस्टर डोज लेने की अपील की है। दरअसल इस अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2022-23 में कोरोना और मौसमी बीमारी से पीड़ित इसतरह के मरीजों की मौत ज्यादा हुई थी, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की डोज नहीं ली थी। इस रिसर्च के आधार पर दिल्ली के अधिकांश डॉक्टर खासकर बुजुर्गों और कम इम्युनिटी वाले लोगों से अपील कर रहे हैं कि वह कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज जरूर लें।
क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. जी सी खिलनानी ने कहा कि इस अध्ययन से साफ पता चलता है कि कोविड-19 से मृत्यु दर पिछली लहरों की तुलना में काफी कम हो गई है। हालांकि अस्पताल में भर्ती मरीजों, खासकर बुजुर्गों में यह दर अभी भी 6 प्रतिशत है। मौसमी इन्फ्लूएंजा के कारण मृत्यु दर नहीं बदली है। उन्होंने कहा कि अध्ययन से पता चलता है कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन नहीं ली थी उन लोगों की मौत का आंकड़ा ज्यादा रहा है। इसकारण कोरोना की तीनों डोज लेना जरूरी है। भीड़-भाड़ वाली जगहों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करना जरूरी है। घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
वहीं मैक्स हेल्थकेयर के निदेशक डॉ. संदीप बुद्धिराजा ने कहा, एक बूस्टर डोज शरीर में एंटीबॉडी बढ़ाने के लिए कारगर है। यह रोग की गंभीरता और जटिलताओं के जोखिम और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता को कम करने में मदद करता है। यह मृत्यु दर को कम करने के लिए भी जाना जाता है। हाइब्रिड इम्युनिटी वाले लोग जिन्हें पहले कोविड हो चुका है और जिन्होंने दो शॉट ले लिए हैं, उन्हें अभी भी तीसरी खुराक लेने की आवश्यकता है।