सागर ।    जिले में खाद्य आपूर्ति विभाग बगैर अधिकारियों के चल रहा है। विभाग में सभी महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हैं। यहां तक की जिले के खाद्य आपूर्ति नियंत्रक की कुर्सी भी तीन महीने से खाली पड़ी हुई है। इसके अलावा सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी के चार में से तीन पद रिक्त हैं। इस पर सरकार की तरफ से वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं हुई है।जो सहायक अधिकारी यहां पदस्थ हैं, उन्हें जिले का प्रभार दिया गया है। नतीजतन विभाग के कामों पर असर पड़ने लगा है, लेकिन शासन और प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। जिले में खाद्य आपूर्ति नियंत्रक व जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी के एक-एक पद सरकार ने स्वीकृत किए हुए हैं। लेकिन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर फिलहाल कोई तैनात नहीं है।

कनिष्ठ आपूर्ति नियंत्रक के आठ पद खाली

जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक गत 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन उनका चार्ज अभी तक किसी को नहीं मिला है। विभाग में सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी (एएफएसओ) के चार पद स्वीकृत हैं, लेकिन एक ही सहायक आपूर्ति अधिकारी तैनात हैं। कहने को तो विभाग ने खाद्य आपूर्ति विभाग को सुचारु रूप से चलाने के लिए 15 कनिष्ठ आपूर्ति नियंत्रक के पद स्वीकृत किए हुए हैं, लेकिन जिले में केवल छह ही कनिष्ठ आपूर्ति नियंत्रक हैं। आठ पद इनके खाली पड़े हैं।

प्रदेश में सबसे अधिक राशन सागर में बंटता है

बता दें कि जिले में खाद्य आपूर्ति विभाग के अधीन प्रतिमाह 4 लाख 78 हजार 533 कार्ड धारकों को राशन दिए जाने का काम होता है। यह मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा आंकड़ा है। इन कार्ड धारकों को ग्रामीण अंचल के 934 डिपो होल्डरों द्वारा राशन का वितरण किया जाता है।

राशन के लिए रिलीज ऑर्डर का काम भी उच्च अधिकारियों के माध्यम से होता है। वहीं जिले में जिले में 33 गैस एजेंसियां कार्यरत हैं। ये सभी खाद्य आपूर्ति विभाग के अधीन आती हैं। विभाग के अधिकारियों के न होने के कारण संबंधित क्षेत्र के लोगों के कार्य रुके हुए हैं।

समर्थन मूल्य की उपज खरीदी का काम भी विभाग पर

समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान, चना आदि की खरीदी का काम भी खाद्य आपूर्ति विभाग पर होता है। जिले में गेहूं के लिए जहां 175 के करीब खरीदी केंद्र बनते हैं। वहीं धान के समय समर्थन खरीदी केंद्र की संख्या 30 से 35 के करीब होती है। समर्थन मूल्य पर उपज खरीदी के दौरान सबसे अधिक गड़बड़ी की शिकायतें आती हैं। हर कहीं से इसके लिए सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की जाती है, इसीलिए जिले में तैनात अमले का समय इन शिकायतों की सुनवाई व इनके निराकरण में ही बीत जाता है। यह अन्य काम पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं।

गौरतलब है कि सागर जिले में प्रदेश में सबसे अधिक राशन कार्ड धारक हैं। यहां हर महीने लाखों किग्रा खाद्यान का आवंटन होता है। तरह-तरह की शिकायतें आती हैं, लेकिन हमले की वजह से जांच पूरी नहीं हो पाती। औसतन साल में तीन बार यहां पर विभाग के उच्च अधिकारी की अदला बदली होती रही है लेकिन इस बार यहां से सेवानिवृत्त हुए अधिकारी की जगह पर वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं हुई है। वहीं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी का पद भी खाली होने से एक-एक कर्मचारी पर दो-दो ब्लाकों के काम का भार है। वर्तमान में लाडली बहनों के लिए रियायती गैस सिलिंडर की योजना का काम चल रहा है। इसके चलते अमला दिन-रात इसी में व्यस्त है।

कर्मचारियों की तैनाती की स्थिति

           पद                स्वीकृति        भरे    खाली

जिला आपूर्ति नियंत्रक         01              00    01
सहायक आपूर्ति नियंत्रक      04              01    03
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी    15               06    09
           कुल                       20              07    13

फैक्‍ट फाइल

कुल परिवारों की संख्या - 4 लाख 78 हजार 533
कितने लोगों का राशन बंटता है - 19 लाख 5हजार 560
प्रति राशन आवंटन - पांच किग्रा

इनका कहना 

स्टाफ की कमी को लेकर विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्राचार किया जाता है। पदों की आपूर्ति का काम वहीं से होना है। फिलहाल जितना अमला है, हम उतने में काम चल रहा हैं।

-अनिल तंतवाय, प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी, सागर