इन्दौर। भारत के पास क्या नहीं है, जिस पर विश्व गर्व न कर सकें, फ्रांस तो उस सोलर घड़ी पर ही गर्व कर रहा है जबकि हमने गणना के सिद्धांत के आख्याता वाकणकर जी के गणना सिद्धांत बताएँ है। कई तरह की समस्याओं से घिरी दुनिया आज भारत को आशा भरी नज़र से देख रही है। भारत के पास इन सारी समस्याओं का हल हैं। यह बात साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कही।
फ़्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व कर लौटे डॉ दवे शुक्रवार शाम प्रेस क्लब में आयोजित 'फ्रांस में भारत' कार्यक्रम में बोल रहे थे।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य व्यक्ता डॉ विकास दवे का स्वागत प्रेस क्लब उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी ने किया, तदुपरांत नागर ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष केदार रावल का स्वागत श्रुति अग्रवाल ने किया।
प्रेस क्लब के कार्यकारिणी सदस्य राहुल वाविकर, अभय तिवारी द्वारा डॉ दवे को भगवत गीता भेंट की। कार्यक्रम का संचालन मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' ने किया एवं आभार मुकेश तिवारी ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार रमण रावल, सतीश राठी, डॉ कमल हेतावल, दीपक जैन टीनू, अमन अक्षर,  सुधीर पंडित, मंगल राजपुत, सीमा शर्मा, वाणी अमित जोशी, अक्षत व्यास, मनीष व्यास, ललित मंडलोई, अंशुल आराध्यम, अखलेश राव, मनोज मेहता, प्रदीप मेहता, विभूति जोशी, हिमांशु पुराणिक आदि उपस्थित रहें।