भोपाल। राजधानी भोपाल के खजूरी सड़क थाना इलाके में स्थित चिरायु मेडिकल कॉलेज में मेंडिकल छात्रा द्वारा हॉस्टल के रूम फांसी लगाकर खुदकुशी किये जाने की घटना का शुरुआती जॉच में जो कारण सामने आया है, वह उसकी इंग्लिश कमजोर होना है। परिवार वालो का कहना है कि मृतका रानी मोरे परिवार वालो से लगभग रोजाना ही बात करती थी, और कई बार उसने कहा था की इंग्लिश कमजोर होने के कारण उसका परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहता है। अपनी इसी कमी को लेकर वह कई महीनों से डिप्रेशन में रहने लगी थी। हादसे की खबर मिलने पर खरगोन से छात्रा के पिता व अन्य परिजनों के आने पर उनकी मौजूदगी में मंगलवार सुबह शव का पीएम हमीदिया अस्पताल में कराया गया। लवकुश कॉलोनी खरगोन रहने वाले छात्रा के पिता देवी सिंह मोरे सरकारी स्कूल में शिक्षक है। उनके परिवार में रानी सहित दो बेटी और दो बेटे हैं। उनका कहना है कि रानी मोरे की स्कूली शिक्षा हिंदी मीडियम से हुई है। वह मेघावी छात्रा थी। अपनी काबिलियत के चलते डॉक्टर बनने के 10 महीने पहले उसने चिरायु मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था। कॉलेज में एडमिशन के बाद कुछ समय तक सब ठीक रहा लेकिन बाद में उसका कॉलेज में पढ़ाई का परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहने पर बिगड़ने वह कहती थी, कि मेडिकल की पढ़ाई इंग्लिश में बेहद कठिन है। मेडिकल का कोर्स इंग्लिश में होने के कारण उसे बहुत परेशानी होती है। पुलिस के अनुसार मेडिकल छात्रा रानी मोरे (22) द्वारा फांसी लगाकर खुदकुशी किये जाने के मामले में अब तक की जांच में सामने आया है कि मृतका छात्रा इंग्लिश में कमजोर थी। सारा सिलेबस अग्रेंजी में होने के कारण उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। इस कारण वह तनाव में रहने लगी थी। इसी तनाव का जिक्र उसने अपने परिवार वालो से भी किया था। परिवार वालो के बयान के आधार पर पुलिस का अनुमन है कि इसी मानसिक तनाव में आकर छात्रा ने यह आत्मघाती कदम उठाया होगा।
* यह है मामला
पुलिस के अनुसार मूल रूप से ग्राम धसल गांव तहसील झिरन्या भसल जिला खरगौन की रहने वाली 22 वर्षीय रानी मोरे पुत्री देवी सिंह मोरे चिरायु मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल के रूम नंबर 14 में रहते हुए एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही थी। बताया गया है कि रविवार रात के समय वह अपने रूम में सोई थी। लेकिन सुबह जब करीब साढ़े ग्यारह बजे तक वह उठकर अपने कमरे से बाहर नहीं आई तब वार्डन उसे चैक करने के लिये उसके कमरे पर पहुंची। वार्डन ने उसे काफी आवाजें देने के साथ ही दरवाजा भी खटखटाया लेकिन न तो रानी ने भीतर से कोई जवाब दिया और न ही रुम का दरवाजा खुला। अनहोनी की आशंका होने पर वार्डन ने इसकी सूचना अन्य स्टॉफ और प्रबंधन को दी। बाद में कमरे का गेट तोड़ा गया। अंदर जाकर देखन पर छात्रा का शरीर पंखे पर बने दुपट्टे से बने फंदे पर लटका नजर आया। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे की तलाशी ली साथ ही एफएसएल टीम की पड़ताल के बाद मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिये ने हमीदिया हॉस्पिटल की मॉर्चुरी में रखवा दिया था। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट या अन्य ऐसा सुराग नहीं मिला जिससे खुदकुशी का कारण साफ हो सके।