हंसदास मठ पर प्रतिदिन सुबह तर्पण एवं दोपहर में पितृ मोक्षदायी भागवत – शोभायात्रा के साथ हुआ शुभारंभ

 

इंदौर, 7 अक्टूबर। तर्पण और श्राद्ध हमारे पूर्वजों एवं पितरों के प्रति हमारी श्रद्धा एवं आस्था की अभिव्यक्ति है। श्राद्ध पक्ष में तर्पण की क्रिया एक तरह से पूर्वजों द्वारा सौंपे गए लॉकर की वह चाबी है, जिससे हम सम्पत्ति के साथ संस्कारों का खजाना भी खोल सकते हैं। हमारी नई पीढ़ी को विरासत में हम सम्पत्ति तो सौंपते ही हैं, संस्कार भी सौंपना चाहिए। पूर्वजों और पितरों का कर्ज कोई नहीं चुका सकता, लेकिन उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

ये प्रेरक विचार हैं आचार्य पं. पवन तिवारी के, जो उन्होने एयरपोर्ट रोड, पीलियाखाल स्थित हंसदास मठ पर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य एवं परशुराम सेना के पं. पवनदास महाराज के विशेष आतिथ्य में श्रद्धा सुमन सेवा समिति के तत्वावधान में आज चांचोड़ा (गुना) के स्व. सतीश कुमार शर्मा की स्मृति में आयोजित  पितृ मोक्षदायी भागवत के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए। इसके पूर्व हंसदास मठ परिसर में भागवतजी की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कथा शुभारंभ के पूर्व व्यासपीठ का पूजन वरूण शर्मा,  नेहा ठुकराल विदिशा, सुप्रिया जितेन्द्र त्यागी गुना, विद्यादेव शर्मा झालावाड़, राहुल व्यास गुड़गांव, कृष्ण गोपाल कल्पिता शर्मा चांचोड़ा आदि ने किया। संतश्री की अगवानी  मोहनलाल सोनी, हरि अग्रवाल, राजेन्द्र गर्ग, चेतन सेठिया, जवाहरलाल शर्मा, राजेन्द्र सोनी, भगवती प्रसाद कुमावत आदि ने किया। यजमान समूह के वरुण शर्मा एवं गीतादेवी शर्मा ने भागवत पूजन किया।

तर्पण अनुष्ठान जारी - इसके पूर्व प्रतिदिन सुबह तर्पण अनुष्ठान भी जारी रहेगा। सुबह 8 से 10.30 बजे तक प्रतिदिन तर्पण की क्रियाएं पूर्ववत आचार्य पं. पवन तिवारी के निर्देशन में होंगी।  आज भी तर्पण अनुष्ठान में 500 से अधिक साधकों ने भाग लिया। यहां आने वाले साधकों को सभी तरह की पूजन सामग्री निःशुल्क दी जा रही है और प्रतिदिन देश के शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों, गो माता तथा होलकर शासकों के लिए भी मोक्ष की कामना की जा रही है। तर्पण अनुष्ठान 14 अक्टूबर तक प्रतिदिन सुबह जारी रहेगा। दोपहर में पितृ मोक्षदायी भागवत भी होगी।